रात स्वप्न में
रात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…
नवग्रह घूम रहा है (हिन्दी कविता) बाहर आना जरूरी है एक हाथ में कलम दूसरे हाथ में कूची रखना जरूरी है जिन्दगी एक ही बार है कुछ करना जर…
Read moreबाकी मैं सर्वत्र हूं (छोटी कविता ) जहां झूठ है वहां मैं नहीं जहां छल है वहां मैं नहीं जहां दुराव छिपाव है वहां मैं नहीं चाहे शत्र…
Read moreसारे चेहरे (कविता) झूठ बोलते हैं बड़ी शिद्दत से यूं जैसे हम किसी और ग्रह के निवासी हैं हंसी आती है उनकी मूढ़ता पे, वो क्या जाने हमें…
Read moreफितरत (कविता) जिन्होंने हमें दुश्मनों की तरह समझ अपने वजूद का पताका फहराया। आज हमारे कदमों में झुके पड़े हैं …
Read moreप्रारब्ध लौट कर आता है (हिंदी कविता) कब और कैसे जाने क्यों कुछ सच्चे लोग छोड़ कर चले जाते हैं मुकद्दर को भी मंजूर ना हो वो बात मूक अल…
Read moreराम ऐसे आयेंगे ! (कविता) किसी उत्सव के पीछे कोई स्याह पक्ष होता है यह कोई नहीं देखता हजारों की मौत पर खड़ा है धर्म का बाजार यह कोई न…
Read moreकहानी वो नहीं (कविता) कहानी वो नहीं होती जो हमेशा कही जाती है कभी सोचा है तुमने कहानी वो नहीं होती जो दिखती है कहानी वो भी नहीं होती जो …
Read more1. दौलत कुछ नए की तलाश में जो है वो भी खो देते हैं आज घमंड है तुम्हें अपनी दौलत का कल ऐसा भी होगा चंद सिक्के भी ढूंढोगे आलमारी में......…
Read moreकठपुतली ( हिंदी कविता) ऐसा भी क्या है तेरे बिना रह ना पाऊं ऐसा भी क्या है तुझे देखे - तुझे सुने बिना जी ना पाऊं मन मेरा डोर तेरे हाथ म…
Read moreउसकी मुस्कान (कविता) कभी कभी कुछ भी उकेर देती हूँ कभी रंगों से कभी स्याही से... कभी कोई नज्म तो कभी कोई किस्सा कभी बेवजह की बातें होती ह…
Read moreरिश्तों का हेर- फेर ( कविता ) रिश्तों में चढ़ा देते हैं जो झूठ की जिल्द और कहते हैं हमारे जैसा कोई पाक-साफ ना मिलेगा... बुनियाद ही फरेब प…
Read moreइंसान और धर्म ( कविता ) जिंदगी बड़ी खूबसूरत है क्यूँ हम नष्ट करे बेमतलब की बातों से.... हम इंसान हैं इंसान क्यूँ ना रहे …
Read moreसच (कविता) सच जितना भयहीन है उतना ही सच से सबको बड़ा भय लगता है राजा हो या संतरी... सच सामने खड़ा हो हिमालय की तरह तो छप्पन इंच का सीना हो…
Read moreआदमियत का गोश्त (कविता ) आदमी तो होते हैं सब एक जैसे सबके तंत्र एक समान सबकी रूह एक समान फिर भी कुछ गोश्त बन जाते हैं कुछ …
Read more17-12-2022 3. PM मेरी प्यारी नानी किसी का यूँ चले जाना चुपके से... बिन कहे मगर कहे जाना... चुपके से अब कभी ना आना होगा ना गले मिलना ह…
Read moreसमय समय चक्र का पहिया उल्टा पुल्टा घूम रहा है जो सच्चा है जो अच्छा है चारों तरफ से वही मार खा रहा है अब लगता है सच में दुनियां में झूठ…
Read moreआजादी का अमृत महोत्सव - कविता क्या हम आजाद हैं सोचना जरुरी है स्वतंत्रता के इस अमृत महोत्सव पर दिन को दिन कहूँ रात को रात कहूँ और मैं…
Read moreघर -घर की बहुत सी कहानी है बहुत सारे किरदार हैं उनमें से एक किरदार हर घर में होते हैं जरूर ... एक स्त्री ऐसी जो मंथरा का किरदार निभाती…
Read moreकिसी ने चेक नहीं किया तुम्हारे ईमेल ना चेक की तुम्हारी वाट्सअप ना ही कोई मैसेज या कॉल फिर भी पता चल जाता है तुम वफादार मर्द तो नहीं.…
Read moreएक ही ईश्वर एक ही अल्लाह एक ही ईशा व एक ही गुरु नाम अनेक-रूप अनेक सबका रास्ता एक ही कोई पूजे माटी-कोई पूजे तारा कोई पूजे सूरज त…
Read moreरात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…