Ticker

6/recent/ticker-posts

पांच छोटी कविता -2


1. दौलत

 कुछ नए की तलाश में
जो है वो भी खो देते हैं
आज घमंड है तुम्हें
अपनी दौलत का
कल ऐसा भी होगा
चंद सिक्के भी ढूंढोगे
आलमारी में.......

2. वक्त

वक्त जहां से शुरू होता है
वहीं आकर खतम होता है
लोग भूल जाते हैं वक्त को
वक्त भूलता नहीं आजमाइश से...


3. दुनियां गोल है

दुनियां गोल है 
तुम भूलना ना कभी 
इस दौलतखाने में,
समय का चक्र घूमता है
ब्रह्मांड के सरायखाने में
आज तुम्हारी है
तो कल किसी और की होगी....

4. अस्तित्व क्या है 

अस्तित्व तुम्हारा क्या है 
पूछो अपने अंतर्मन में
पैसे से खरीदे रिश्ते पे
इतना क्या गुमान करना
रेत का महल है
एक दिन बह ही जायेगा
तब पूछना तुम्हारा अस्तित्व क्या है.....


 5. सच

झूठ ओर फरेब से रिश्ते नहीं टिकते
काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती
सच तो दुनियां भी देखेगी 
झूठ के रंगों से सजी तस्वीर
पानी परते ही उतर भी जाती है....









Post a Comment

2 Comments

Do not post spam links