रात स्वप्न में
रात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…
* ख्याल मिले जज्बात मिले तेरे होने से मेरा शहर मिले। क्या ढूंढ रही है जिंदगी ख्वाहिशों का अम्बार मिले।। * तुम्हारा मिलना गैरजरूरी है…
Read more1. कल रात खुदा से मुलाकात हो गई तुम्हारे दीदार की दुआ हो गई इतना भी क्यों खफा हो गई सारे जहां को खबर हो गई.... 2…
Read moreरात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…