
सच पे सिलवट (कविता)
सच पे सिलवट / कविता किसी ने कहा मुझसे झूठ बोलने में माहिर हूं मैने खुद से कहा सच ख…
रात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी मुस्कान थी पाक मोहब्बत की थोड़ी से कहानी थी।
Read moreउदास इश्क 4 उदास इश्क मेरे साथ रोज गुजरती है कुछ कही कुछ अनकही जज्बातों को समेटती है तुम हकीकत हो या खयाल हो मेरा , इस आग से जब रोज …
Read moreतुम्हारा स्वप्न (छोटी कविता) सुबह सुबह तुम्हारा स्वप्न आया तुम्हारा शहर भी पहाड़ हो गया सारी फिजा सफेद हो गयी रंग जैसे फना हो गया तु…
Read moreउदास इश्क (kavita) एक उदास इश्क मेरे पहलू से रोज गुजरती है नम आंखों व मुस्कुराते लबों से पूछती है - इश्क की वजह क्या है ? कैसे कहूं …
Read moreतेरी याद (कविता) इक याद तेरी, मेरी सांसों से गुजरती जरूर है पर कोई जवाब रूह को मयस्सर नहीं .... इक उदासी रगों में छा…
Read moreतेरी आंखों में (कविता ) सोचती हूं तुम्हें इक पैगाम भेज दुं और ना हो कुछ तो सवाल भेज दुं याद आती है कभी मेरी लिख सको तो कागज और दवात भेज दुं …
Read moreसच पे सिलवट / कविता किसी ने कहा मुझसे झूठ बोलने में माहिर हूं मैने खुद से कहा सच ख…