रात स्वप्न में
रात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…
अवसाद - नकारात्मक या सकारात्मक अवसाद जहां हमें एक तरफ किसी व्यक्ति को नेगेटिविटी की ओर ले जाता है तो दूसरी और दूसरे व्यक्ति को पॉजिटिवि…
Read moreआज एक अलग ही किस्म की बात हुई जिसमें मुझे बहुत कुछ सोचने पे मजबूर कर दिया यह बात है हमारी ऊर्जा की। आज मैं कुछ काम कर रही थी और अपने बच्च…
Read moreप्रिय सैनिक प्रिय सैनिक आज मैं आपको ये पत्र लिख रही हुँ, आज से पहले मैंने किसी को पत्र तो कम से कम नहीं लिखा। कभी जरूरत ही नहीं पड़ी या हमारे समय में …
Read moreमैं बहुत दिन से सौच रही थी ऑनलाइन शापिंग के बारे में लेख लिखुं। मैं घरेलू जितने भी daily use के सामान है उसे ऑनलाइन ही मंगाती हुँ। ज्यादातर flipkart…
Read moreप्रिय सुशांत सिंह राजपूत तुम्हारी मौत की खबर टीवी पे देखकर सबसे पहले यही शब्द निकले बिहारी ऐसा कभी नहीं करते फिर तुमने ऐसा क्यूँ किया। बिहारी तो संघ…
Read moreदुनियाभर में बहुत सारे लोगों के साथ कभी-कभी जीवन में आने वाली घटनाओं का आभास होता है। हम इसे इतेफाक कह देते हैं या भ्रम का नाम दे देते …
Read moreकुछ दिनों पहले एक पुरानी रेडियो को अलमारी से निकालकर उसे मैंने सुनना शुरू किया है। सुबह की ठंडी हवा और रेडियो बे बजता संगीत पुराने दिनों की याद दिला…
Read moreएक सवाल मेरे मन मे आ रहा है "हमारी पसंद का कार्य " क्या हम जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं वो कार्य हमारी पसंद का है भी या नहीं ।चाहे वो का…
Read moreरात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…