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15-4-20 work of choice

एक सवाल मेरे मन मे आ रहा है  "हमारी पसंद का कार्य " क्या हम जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं वो कार्य हमारी पसंद का है भी या नहीं ।चाहे वो कार्य नौकरी का हो या बिजनेस का या फिर शिक्षा का भी हो सकता है । ज्यादातर का उतर ना ही होगा क्योंकि आज  हमारी प्राथमिकता रोजीरोटी ही है । बस किसी तरह रोजगार मिल जाये लेकिन इसमें गलत भी कुछ नहीं है। परन्तु कार्य हमारी पसंद का ना हो तो सफलता ठहर सी जाती है और सफलता अगर मिल भी जाये तो भी कुछ मिसिंग सा ही लगता है ।क्योंकि जो कार्य हमारी पसंद का ना हो तो हम उसमें सौ फीसदी योगदान नहीं दे पाते । क्योंकि हम बोरियत महसुस करते हैं ।और हमारी काबिलियत कहीं ठहर जाती है ।

( ज्यादातर हम हाउसवाइफ की जींदगी ऐसी ही हो जाती है )

पर सवाल ये है कि कार्य पसंद का ना हो तो छोड़ दे ? शायद उत्तर हाँ भी है और नहीं भी ।अगर बहुत मजबुरी ना हो  और मजबूत इच्छाशक्ति हो तो हमें कोशिश करनी चाहिए वो कार्य करें जो हम करना चाहते हैं । रिस्क तो उठाना पड़ता है तभी तो वो सफलता मिलेगी जिसकी काबिलियत है हममें । अंदुरुनी खुशी भी वही है । क्योंकि अच्छी नौकरी हो या अच्छी पोस्ट, हमें वो खुशी नहीं दे सकता जो हमारी पसंद का ना हों ।
शुभरात्रि  ☺️

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