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रात स्वप्न में



रात स्वप्न में  (कविता)




कल रात स्वप्न में 
बाहों का श्रृंगार था
थोड़ी सी मुस्कान थी 
पाक मोहब्बत की 
थोड़ी से कहानी थी।

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