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समय /Time(कविता )

समय 


समय चक्र का पहिया
उल्टा पुल्टा घूम रहा है
जो सच्चा है
जो अच्छा है
चारों तरफ से
वही मार खा रहा है 
अब लगता है सच में
दुनियां में 
झूठ का ही बोल बाला है
झूठ ही सरताज है
झूठ ही ताज है
सच तो पैरों तले
मसला जा चुका है
जिसकी झूठ की तलवार
की धार तेज
जिसकी छल की ढाल मजबूत
वही शूरवीर
वही बलवान है 
समय चक्र का यही है पहिया 
झूठ धनवान - सच निर्धन
पाप और पापी राजा बने
इंसानियत जूता घिसे
राम-राम का नारा है बस
छदम वेष में रावण है
तो रावण-वध करने से क्या
निरीह वध तो हर दिन है
समय चक्र का पहिया
उल्टा पुल्टा घूम रहा है

~रश्मि 









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