रात स्वप्न में
रात स्वप्न में (कविता) कल रात स्वप्न में बाहों का श्रृंगार था थोड़ी सी म…
1. ये हमारी मर्जी होती है हम सच को चुने या झूठ को जीने का अपना तरीका है मुखौटा पहने या उतारे। 2. किसी को झूठ से ऑक्सीजन मिलता है किसी को सत्य स…
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