शनि महादशा
सब जीरो हो जाता है
जीरो से उपर आने में
वक्त लगता है
फिर मिले ना मिले
अभिलाषा खत्म हो जाती है
जीवन की शायद यही
परिभाषा है
रंगमंच के हम सब पुतले
खेल देखने और दिखाने आए हैं
फिर भी
दशा से बड़ी
कोई दिशा नहीं
कहते हैं दीपांशु ...
रश्मि
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