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February 2022

February 2022 - डायरी 




4-2-22
समय क्षण-भंगूर है

साल 20 और 21 कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला। हर महीना कैसे क्षण-भंगुर की तरह उड़ गया पता ही नहीं चला।
2022 का जनवरी महीना भी चुटकी बजाते निकल गया... जीवन इतना fast हो गया की खबर ही नहीं होती  कौन सा दिन है और कौन सी तारीख है।
समय तो रुकता नहीं और पर जीवन क्षण-भंगूर है, जीने का मजा लीजिये जैसी भी परिस्थिति हो। जो आज है वो कल नहीं होगा, जो कल है वो आज नहीं होगा।

10-2-22
 जिस डाल पर बैठे हम वही डाल काट रहे

 आजकल हर व्यक्ति ज्यादातर वही काम करता है जो हमें नुकसान पहुंचाता है। ज्यादातर हमारा हर कार्य, पंचतंत्र की उस कहानी की तरह है, जिसमें लकड़हारा जिस डाल पर बैठा होता है उसी को काट रहा होता है। हम भी तो वही कर रहे हैं....
 चाहे भोजन की बात हो, चाहे पढ़ने की बात हो चाहे जीवन जीने की शैली की बात हो। 
 हम ज्यादातर वही भोजन  खाते हैं जो हमारे शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रहा है। हम वही पढ़ रहे हैं जो हमारे मन को नुकसान पहुंचाता है।  अपनी अनंत इच्छाओं के लिए जो हम कर रहे हैं वह हमारे साथ साथ आने वाली पीढ़ी को भी नुकसान ही पहुंचाएगी। 

15-2-22
 अमीर दिखने का चक्कर

 यह अमीर दिखने का चक्कर बहुत खराब चीज है।
 हम जो है सो है रहने में क्या खराब बात है। पर नहीं हमें तो वह देखना है जो हम हैं नहीं, जो हम हैं वह दिखाना नहीं चाहते। 
 अफसोस ज्यादातर लोगों का जीवन अमीर दिखने के चक्कर में ही बर्बाद हो रहा है।

बेहतर इंसान बेहतर बातें 
21-2-22
 बेहतर इंसान, बेहतर बातें, बेहतर किताबें, बेहतर गुरु मुझे और बेहतर बनाते हैं, खराब इंसान, खराब चीजें, खराब माहौल  मुझे और खराब बनाते हैं तो मैंने चुन लिया है खुद को और बेहतर बनाने के लिए बेहतर चीजों को, चाहे वह इंसान हो चाहे वह माहौल हो चाहे वह किताबें हों, बस वो ही मेरी जिंदगी में शामिल है और होंगे.... बाकी से दुर रहना ही क्यूँ ना अच्छा हो .... बेहतर सुकून के लिए...

कभी कभी 
26-2-22

कभी-कभी लिखना नहीं पढ़ना बस पढ़ना अच्छा लगता है।
जैसे कभी कुछ कहना नहीं बस सुनना अच्छा लगता है।।
वैसे कभी-कभी बहुत कुछ अच्छा लगता है...
बस समय की कमी होती हैं...
वैसे अगर आपके पास समय की कमी है तो समझ लीजिये या तो आप जींदगी से नाखुश हैं या  जींदगी से बेहद खुश....

करमा 
27-2-22
हम जो बोलते हैं वही लौट कर हमारे पास आता हैं।  क्यूँकि हम जो करते हैं वही हमारा भाग्य बन जाता है। कहते हैं ना करमा मिलता ही है....
तो किसको क्या बोल रहे हैं और क्यूँ बोल रहे हैं, बोलने से पहले दस बार सोच लीजियेगा.... क्या पता वही हमारे पास लौट कर वापस आये।

28-2-22


युद्ध किसी समस्या का हल नहीं
बल्कि युद्ध बहुत सारी
समस्याओं का कारण बनता है...

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