
सच पे सिलवट (कविता)
सच पे सिलवट / कविता किसी ने कहा मुझसे झूठ बोलने में माहिर हूं मैने खुद से कहा सच ख…
जैसे-जैसे कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और धीरे-धीरे एरिया सील होते जा रहे है तो थोड़ा डर सा लगा। अब न्यूज पढ़ने का दिल नहीं करत…
Read moreएक दिन शाम मे किसी सामान की जरुरत पड़ गयी, आपलोग तो समझ सकते हैं कि बच्चे जब घर मे हो तो कभी भी किसी भी चीज की जरुरत पड़ ही जाती है। रात के 7:30 - 8 ब…
Read moreलॉकडाउन के 23 वेंं दिन मुझे थौड़ी बोरियत हुई। इसलिये नहीं की घर मेंं बंद हूँ , बल्कि इसलिए की खाना बनाते बनाते मैं बोर हो गयी हुँ। आप अब तो समझ सक…
Read moreलॉकडाउन का 21 वां दिन - आत्मचिंतन का दिन हम सब के लिये। हमने जिन्दगी के इस सफर में क्या खोया क्या पाया । जीवन के पुराने पन्नों को खोले तो हम क्या दे…
Read moreलॉकडाउन का बीसवां दिन उपर से सब सामान्य दिख रहा है पर सामान्य है क्या ? शायद इसलिये की हम मध्यवर्गीय लोग अपने अपने घरों में बंद हमारी सामान्य दिनच…
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