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इश्क में

इश्क में (कविता )


प्रेम और इश्क में फर्क

दुनियां क्या जाने

 कहे जा रही हूँ

तुम सुने जा रहे हो...

तेरे इश्क में

मैं मरी जा रही हूँ

ना तुम हो

ना मैं हूँ

किये जा रही हूँ...

कहानी व किस्सा

खत्म हो चुका

सदियों पहले

मग़र 

रूह दफ़न हो

उससे पहले

कोई दस्तक तो हो

इंतजार किये जा रही हूँ ...

नीले आसमान में तन्हा

आँखें मुंदे

उड़े जा रही....

रात के तीसरे पहर

ख्वाब की दस्तक है 

तुझसे मिल कहे जा रही हूँ

तुम हो या ना हो

तुम्हारी तस्दीक किये जा रही...


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